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इंटरव्यू

‘सारा अली खान’ की सारी कहानी

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अगर आप किसी चीज को दिल से पाने की चाहत रखते हो और वह चीज अचानक आपको मिल जाए, तो फिर आप ऐसा नहीं कह सकते कि आप तैयार नहीं हो। सारा अली खान का बॉलीवुड से एक गहरा नाता है। बतौर एक्टर वह पटौदी खानदान की तीसरी पीढ़ी हैं। सारा को अपनी फैमिली से बेहद प्यार मिला, उनकी माँ अमृता सिंह और पिता सैफ अली खान अपने समय में हिंदी फिल्म जगत के जाने माने चेहरे रह चुके हैं। सारा ने उनसे वह सबकुछ सीखा, जिसकी उन्हें आगे ज़रूरत पड़ने वाली थी। सारा बचपन से बेहद सुंदर, आकर्षक, मेहनती और ईमानदार हैं। केदारनाथ में अपने शानदार अभिनय से उन्होंने सभी का दिल जीत लिया है। उत्साह से भरपूर सारा अब आगे बढ़ती जा रही हैं। अपनी पहली ही फिल्म से विश्वप्रसिद्धि मिलने के बाद अब वह पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहतीं। भारती दुबे से बातचीत के दौरान सारा ने अपने जीवन के कई अनछुए पहलुओं पर बात की, जिसमें उनके मम्मा की एडवाइस, उनकी डायट और उनकी पसंद शामिल है।

जब आपने कोलम्बिया यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई खत्म की, तो आगे एक्टिंग आपकी पहली चॉइस थी?

मेरे लिए शिक्षा अधिक महत्त्वपूर्ण थी, इसलिए मैं चाहती थी कि पहले मैं अपनी पढ़ाई खत्म करूँ। मुझे ऐसा लगता है कि जो भी मैं आज हूँ वह अपनी सीख के बदौलत ही हूँ। मेरे माता-पिता भी यही चाहते थे कि किसी करियर को चुनने से पहले मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूँ। उस वक़्त मैं बड़ी हो रही थी और मैं थोड़ी मोटी थी, इसलिए मैंने सोचा की मैं अपनी पढाई पहले पूरी कर लूँ। विभिन्न प्रकार के विषयों को पढ़ने के बाद मैंने सोचा की अब फिल्मों की ओर रुख करना चाहिए। मेरा भारत वापस आने का यही कारण था, मैंने एक्टिंग की शुरुआत की।

आपने अपने पैरेंट्स को एक्टिंग में आने के फैसले के बारे में कब बताया?
मैंने उन्हें ग्रेजुएशन कम्पलीट होने से 1 वर्ष पहले बता दिया था।

इसपर उनका रिएक्शन क्या था?
उन्हें मेरे इस फैसले पर कोई संकोच नहीं था, बल्कि वह खुश थे। उन्हें मेरा सपना मालूम था, जिसे स्वीकारने के लिए वह तैयार थे।

आपने अपने अभिनय को किसप्रकार से बेहतर बनाया?
मैंने कुछ वर्कशॉप्स किये। लेकिन फिल्मों की केमिस्ट्री, कैमरेडरी और निर्देशन मैंने गट्टू सर(अभिषेक कपूर) और सुशांत(सिंह राजपूत) से सीखा है।

क्या आप अपने अभिनय को लेकर सहज हैं या आप रिहर्शल करना पसंद करती हैं?
हर एक रोल और सिचुएशन अलग होती है। कई बार कोई दूसरा जरिया नहीं होता तो हमें करना पड़ता है। मैं यहाँ नई हूँ, इसलिए मुझे यह मालूम नहीं कि आगे मुझे क्या करना होगा। फ़िलहाल मैं कोशिश करती हूँ कि मैं ज्यादा से ज्यादा चीजें सीख सकूँ और कुछ चीजें रिहर्ष भी करनी पड़ती हैं।

क्या आपको लगता है कि फिल्मों में पदार्पण के तौर पर केदारनाथ मुश्किल फिल्म थी?
बिलकुल, यह आसान फिल्म नहीं थी। खराब मौसम में शूट करना बेहद मुश्किल था। यही वजह थी कि हमने शॉट्स के दौरान बहुत ब्रेक लिए। उस दौरान मुझे बेहद भूख लगती थी और मैंने बहुत खाया। मैंने इस फिल्म में मन्दाकिनी का किरदार निभाया है, जो कि कुरकुरे और खाना एक ही तरह खाती है। शूट्स के दौरान चाय मेरे लिए बहुत ज़रूरी थी।

आप अपनी डायट को कैसे मेंटेन करती हैं?
मैंने केदारनाथ की शूट के दौरान उतना ख्याल नहीं रखा। मुझे इतनी अधिक मिठाइयां नहीं खानी चाहिए थीं। हालाँकि मैं इस मामले में बेहद स्ट्रिक्ट हूँ और खुद पर कंट्रोल करती हूँ। बहुत से लोग इसे गलत भी मानते हैं, लेकिन यह एक युवा लड़की की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता है।

ऐसा कभी-कभी होता है जब किसी डेब्यूटेंट की एक ही महीने में दो लगातार फिल्में हिट जाती हैं, क्या आपकी माँ इसको लेकर उत्साहित हैं?
हाँ, मेरी पहली फिल्म केदारनाथ जो कि दिसंबर के पहले हफ्ते में रिलीज़ हुई और दूसरी सिम्बा जो कि आखरी सप्ताह में रिलीज़ हो रही है। परिवार के सभी सदस्य इसको लेकर काफी उत्साहित हैं। जहाँ तक मेरी बात है, मैंने इन दोनों फिल्मों में वह सब किया, जो मैं कर सकती थी। अब यह लोगों के ऊपर है कि वह इसे कितना पसंद करते हैं।

आगे चलकर इसमें प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और दूसरों से आपकी तुलना की जाएगी, क्या आप उसका सामना करने के लिए तैयार हैं?
यही वह बातें हैं जो मैं जानना चाहती हूँ और कुछ चीजों के लिए आपको पहले से तैयार होना होता है। मुझे नहीं पता कि इसके लिए मैं कितना तैयार हूँ, लेकिन यह एक ऐसी चीज है है, जहाँ आप खुद को ज्यादा प्रीपेयर्ड नहीं कर सकते। यहाँ तक कि मुझे नहीं लगता कि मेरे पैरेंट्स भी इसके लिए 100 प्रतिशत तैयार होंगे, क्योंकि वह अब भी सीख रहे हैं। अगर आप किसी चीज को पाने की दिल से चाहत रखते हैं और वह चीज आपको अचानक से मिल जाए, तो आप यह नहीं कह सकते कि आप तैयार नहीं हो।

आपके पिता के सफल फ़िल्मी करियर में आपकी माँ का अहम किरदार माना जाता है, वह सैफ को वक़्त पर सेट पर भेजती थीं, वह आपके साथ अब कैसी हैं?
मुझे लगता है कि मेरे पिता ने भी कई बार इस बात को स्वीकार किया है और उन्हें श्रेय देते रहे हैं। माँ हम बच्चों को भी संभालती थीं और पापा को करियर सलाह भी देती थीं। वह उनके लिए बेहद प्यारी थीं, वह मेरे लिए भी वैसी ही हैं। मेरे पिता होनहार थे। लेकिन जिसप्रकार से मेरी माँ अनुशासित हैं वह महत्त्वपूर्ण है।

आपकी माँ से आपको ऐसी कौनसी सबसे खास सलाह मिली, जो आपके बेहद करीब है?
मेरी माँ से सबसे खास सलाह मुझे मिली कि आत्मा, दिल और आँखे ऐसी चीजें हैं जिसे हम कैमरे के सामने छुपा नहीं सकते।

क्या हम अमृता को फिर से फिल्म स्क्रीन पर देख पाएंगे?
वह मेहनत कर रही हैं, लेकिन वह अपना पूरा समय उस कार्य में देना चाहती हैं जिसे वह करती हैं। मैं फुल टाइम बच्ची हूँ और मुझे खाने, शॉपिंग और मेरे सभी कामों के लिए मुझे मेरी माँ चाहिए। फ़िलहाल वह फ्री हैं लेकिन उनके पास मेरा भाई इब्राहिम है जिसका वह ख्याल रखती हैं। इसलिए वह काम को और बढ़ाना नहीं चाहती।

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