Connect with us
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग

मेरे पिता भारत भूषण के बारे में बहुत सी बातें झूठ लिखी गई हैं: अपराजिता

पिता भारत भूषण की हालत कभी दयनीय नहीं रही, वह अंतिम समय तक गरिमापूर्ण काम करते थे

Published

on

‘भक्त कबीर’, ‘श्री चैतन्य महाप्रभु’, ‘मिर्जा गालिब’, ‘रानी रूपमती’, ‘सोहनी महीवाल’, ‘कवि कालिदास’, ‘संगीत सम्राट तानसेन’ और ‘नवाब सिराजुद्दौलाजा’ जैसी तमाम अन्य फिल्मों में मुख्य भूमिका निभाने वाले जाने-माने अभिनेता भारत भूषण के अंतिम दिनों को लेकर, मीडिया में ऐसी बातें हैं कि वह बहुत बुरी हालत में थे। ‘रामायण’ में मंदोदरी का किरदार निभाने वाली अपराजिता भूषण, उनकी बेटी हैं। अपराजिता बताती हैं कि यह सब बातें झूठ हैं कि अंतिम दिनों में भारत भूषण की हालत दयनीय थी।  

झूठ है वॉचमैन की नौकरी और बस में सफर करने वाली बातें 

 मैंने भी खूब पढ़ा है अपने पिता के बारे में कि उनकी हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई थी कि उनको वॉचमैन की नौकरी करनी पड़ी, कभी सुनती हूं कि वह बस में सफर करते थे। यह सारी बातें झूठ हैं, जब मेरे पिताजी के बारे में कोई इस तरह की झूठ बात करता है, जिससे उनका सम्मान कम हो, तो मुझे बहुत बुरा लगता है।’

फिल्म फ्लॉप हुई तो तीनों बंगले बेच दिए थे भारत भूषण ने  

‘मेरे पिताजी बेहद प्रतिष्ठित व्यक्ति रहे हैं, वह इस दुनिया से उसी गौरव के साथ विदा हुए हैं। मैंने तो सब देखा है। यह जरूर सच है कि वह फिल्मों का प्रॉडक्शन करते थे, निर्माता भी थे, कई फिल्मों का निर्माण किया, जिससे खूब पैसे कमाए। कुछ फिल्में नहीं चली, जैसे दूज का चांद, जिसमें उनके सारे पैसे चले गए थे, बहुत बड़ा नुकसान भी हुआ, लेकिन पाली हिल में हमारा एक बंगला, बांद्रा लिंक रोड में दूसरा बंगला और पुणे में तीसरा बंगला था, जिसे बेचना पड़ा।’

अंतिम समय तक गरिमापूर्ण ढंग से किया था फिल्मों में काम 

‘पापा ने एक फ्लैट मलाड वेस्ट में भी लिया था, आराम से वहां रहते थे। वहीं मलाड वाले उनके अपने घर में उनका निधन हुआ था। इस दौरान वह बहुत सी फिल्मों में कैरक्टर रोल तो करते ही थे, उनको आराम से काम मिल जाता था। उन्होंने कैरक्टर रोल्स भी बहुत गरिमापूर्ण ढंग से किया है। मैं जब सुनती हूं कि अंतिम दिनों में वह बुरे हालात में थे, तो सोचती हूं लोगों को क्या मिलता है, इस तरह की अफवाह उड़ाने में।’

हार्ट अटैक से हुआ था भारत भूषण का निधन 

‘उनका निधन हार्ट अटैक से हुआ था, रात करीब 12 बजे उनको अटैक आया तो हॉस्पिटल ले गए, बाद में उसी अस्पताल में उनका निधन हो गया था। मैं अंधेरी लोखंडवाला में थी, खबर मिलते ही मैं भी बच्चों को लेकर मलाड पहुंची। उनके अंतिम यात्रा में काफी लोग शामिल हुए थे। मेरे पिता बहुत ज्यादा सोशल नहीं थे, रिजर्व नेचर था। उनको किताबें पढ़ने का बड़ा शौक था, हमारे घर में बड़ी सी लाइब्रेरी थी, एक लाख से ज्यादा किताबें थीं, वहां। जब 2-2 महीने तक कभी शूटिंग नहीं होती थी, तब वह म्यूजिक सुनते थे, वह संगीत का रियाज भी खूब करते थे, घंटों हारमोनियम बजा कर रियाज करते थे।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
>