Connect with us
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

न्यूज़ और गॉसिप

पुण्यतिथि विशेष: आज भी याद किये जाते हैं राजकुमार के ये 20 बेहतरीन डायलॉग्स

50 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय के बलबूते लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाने वाले राजकुमार की आज 23वीं पुण्यतिथि है।

Published

on

photo credit: priya videos action/youtube

हिंदी फिल्म जगत के ‘जानी’ राजकुमार आज भले ही हमारे बीच न हों, लेकिन उनके आवाज़ की कशिश आज भी लोगों के ज़ेहन में जिंदा है। 50 से अधिक फिल्मों में अपने अभिनय के बलबूते लोगों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाने वाले राजकुमार की आज 23वीं पुण्यतिथि है। एक दुबले पतले से दिखाई देने वाले साधारण मिजाज़ के व्यक्ति, जिन्होंने आगे चलकर आसमानों की बुलंदियों को छुआ। बलूचिस्तान में जन्में राजकुमार ने मुंबई में पुलिस की नौकरी छोड़कर फ़िल्मी दुनिया में कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। राजकुमार के संवाद आज भी दोहराए जाते हैं, आज उनकी 23वीं पुण्यतिथि पर हम लाए हैं उनके कभी न भुलाए जाने वाले 20 डायलॉग्स:

1) “चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के होते हैं, वें दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंकते।” (फिल्म, वक़्त)

2) “जानी…हम तुम्हें मारेंगे और जरूर मारेंगे, पर बंदूक भी हमारी होगी और गोली भी हमारी होगी और वह वक्त भी हमारा होगा।” (फिल्म, सौदागर)

3) “जब हम मुस्‍कुराते हैं तो दुश्‍मनों के दिल दहल जाते हैं।” (फिल्म, बेताज़ बादशाह)

4) “ये बच्‍चों के खेलने की चीज नहीं, हाथ कट जाए तो खून निकलने लगता है।” (फिल्म, वक़्त)

5) “इस दुनिया के तुम पहले और आखिरी बदनसीब कमीने होगे, जिसकी न तो अर्थी उठेगी ओर न किसी के कंधे का सहारा, सीधे चिता जलेगी।” (फिल्म, मरते दम तक)

6) “काश कि तुमने हमे आवाज दी होती तो हम मौत की नींद से भी उठकर चले आते।” (फिल्म, सौदागर)

7) “हमारी जुबान भी हमारी गोली की तरह है। दुश्मन से सीधी बात करती है।” (फिल्म, तिरंगा)

8) “हम आंखो से सुरमा नहीं चुराते। हम आंखें ही चुरा लेते हैं।” (फिल्म, तिरंगा)

9) “ये तो शेर की गुफा है, यहां पर अगर तुमने करवट भी ली तो समझो मौत को बुलावा है।” (फिल्म, मरते दम तक)

10) “हम अपने क़दमों की आहट से हवा का रुख बदल देते हैं।” (फिल्म, बेताज़ बादशाह)

11) “हम कुत्तों से बात नहीं करते।” (फिल्म, मरते दम तक)

12) “हम तुम्हे वो मौत देंगे, जो न तो किसी कानून की किताब में लिखी होगी और न ही कभी किसी मुज़रिम ने सोची होगी।” (फिल्म, तिरंगा)

13) “घर का पालतू कुत्ता भी जब कुर्सी पर बैठ जाता है तो उसे उठा दिया जाता है, इसलिए क्योंकि कुर्सी उसके बैठने की जगह नहीं।” (फिल्म, गॉड एंड गन)

14) “तुमने सुना होगा तेजा कि जब सिर पर बुरे दिन मंडराते हैं, तो फिर जुबान लंबी हो जाती है।” (फिल्म, बुलंदी)

15) “बोटियाँ नोचने वाला गीदड़, गला फाड़ने से शेर नहीं बन जाता।” (फिल्म, मरते दम तक)

16) “इरादा पैदा करो इरादा…इरादे से आसमान का चाँद भी इंसान के क़दमों में सज़दा करता है।” (फिल्म, बुलंदी)

17) “ना तलवार की धार से, ना गोलियों की बौछार से… बंदा डरता है तो सिर्फ परवर दिगार से।” (फिल्म, तिरंगा)

18) औरों की जमीं खोदोगो तो उसमें से मिट्टी और पत्थर मिलेंगे, हमारी जमीं खोदोगे तो उसमें से हमारे दुश्मनों के सर मिलेंगे। (फिल्म, बेताज बादशाह)

19) “दादा तो दुनिया में सिर्फ दो hi हैं, एक ऊपर वाला और दूसरे हम।” (फिल्म, मरते दम तक)

20) “जो भारी न हो.. वो दुश्मनी ही क्या ।” (फिल्म, तिरंगा)

Continue Reading
Click to comment
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
>