Connect with us
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग

आर्टिकल 15: आयुष्मान खुराना ने खोले फिल्म के कुछ अनोखे राज़

भारतीय संबिधान के अनुच्छेद 15 को बयां करती है, आयुष्मान खुराना की यह फिल्म

Published

on

आयुष्मान खुराना- इन्स्टाग्राम इमेज

आयुष्मान खुराना ने अपनी फिल्म आर्टिकल 15 को लेकर सोशल मीडिया पर अनोखे राज खोलते हुए कहा कि “भारत एक अछूता सोना है। जब मैंने कुछ वर्ष पहले एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म देखी, तभी मैंने जातिगत भेदभाव पर आधारित फिल्म करने का फैसला किया था। आर्टिकल 15 के लिए मुझे एक निश्चित ट्रिगर देने के लिए धन्यवाद।”  यह कहना मुनासिब होगा कि, भारत में सबसे बड़ी विडंबना जाति-धर्म के नाम पर होने वाली जद्दोजहद है।

आयुष्मान खुराना की फिल्म आर्टिकल 15 इसी मुद्दे पर आधारित है, जो जातीय समस्या को बयां करती है। इस फिल्म का एक ट्रेलर अब रलीज़ कर दिया गया है, जिसमें आयुष्मान खुराना का दमदार अभिनय देखा जा सकता है। इस फिल्म की कहनीं वर्षों से हो रहे जातिवाद को दर्शाता है, जो अभी तक का ख़त्म होने वाला मसला नहीं है। इस फिल्म की कहनी उत्तर प्रदेश के बदायूं में होने वाली एक गैंगरेप की सच्ची घटना पर आधारी है। यह सच्ची घटना 2014 में हुई थी।

 

कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज़ किया गया था जहाँ, फिल्म के इस छोटे से भाग में बयां कर दिया गया है, कि हमारा समाज किस तरह से जातीय बंधन में बंधा हुआ है। मज़दूरी और गरीबी से परेशान आम जनता और उनकी बहन-बेटियों को आज भी सम्मान से नहीं देखा जाता है। ट्रेलर में दिखया गया है कि मज़दूरी करने वाली लड़कियों के सिर्फ रूपए 3 दिहाड़ी बढ़ाने की मांग पर उनके साथ गैंगरेप किया गया और जान से मार दिया जाता है।उनके पार्थिव शरीर को किसी वृक्ष से लटका दिया जाता है। ऐसा इस लिए की वे लड़कियां दलित हैं। इस केस को सॉल्व करते नज़र आ रहे हैं फिल्म के मुख्य किरदार, आयुष्मान खुराना।

हमने आप को पहले ही अवगत कराया था कि, मनोज पाहवा ने बताया था कि इस फिल्म की शूटिंग पूर्ण रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं में की गयी है। इस फिल्म में आयुष्मान खुराना एक पुलिस अधिकारी की भूमिका में नज़र आ रहे हैं, जो इस केस को सुलझाने का काम कर रहे हैं। यह फिल्म 28 जून को देश के सभी सिनेमा घरों में देखी जा सकती है। हम आप को बता दें की यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है। हमारे समाज की गतिविधियों को बयां करती नज़र आ रही है। यह कहना सही होगा की देश को आज़ादी मिल गयी हैं, लेकिन इस लोकतांत्रिक देश का एक ऐसा तबका हैं, जो अभी भी स्वतंत्र नहीं हैं।

 

इस तरह की ख़बरों के लिए सिने ब्लिट्ज के साथ बने रहें

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
>