Connect with us
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग

“पीएम नरेंद्र मोदी” को अभी तक नहीं मिली सेंसर बोर्ड की हरी झंडी

Published

on

pm narendra modi vivekanand oberoi cbfc certification

This article is also available in: English (English)

भारत के बहुचर्चित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ इन दिनों काफी चर्चे में है। कभी फिल्म की शूटिंग तो कभी फिल्म की रिलीजिंग को लेकर चर्चाएं काफी चल रही हैं। इसी कड़ी में फिल्म एक और मुद्दे को लेकर सुर्ख़ियों में दिख रही है। हम आप को यह बताना चाहते हैं कि अभी तक फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ पर सेंसर बोर्ड से मान्यता नहीं मिल पायी है।
फिल्म की बात करें तो यह फिल्म एक राजनीतिक फिल्मों में से एक है। फिल्म प्रधानमंत्री मोदी के जीवन पर आधारित है यही कारण है कि फिल्म काफी चर्चे में है। फिल्म में विवेक ओबरॉय भूमिका में दिख रहे हैं। यह फिल्म लगभग पूर्ण रूप से बन कर तैयार है, लेकिन फिल्म को अभी सेंसर बोर्ड के रजामंदी की ज़रूरत है। वैसे यह कहना और सुनना दोनों ही अविश्वसनीय है कि फिल्म को अभी सेंसर बोर्ड से परमिसन नहीं मिला है। फिल्म को प्रामाडित कराने के लिए फिल्म कर्ताओं के पास मात्र 16 दिनों का ही समय है। आम तौर पर फिल्म मेकर फिल्म को रिलीज़ होने के 20 से 30 दिन पहले फिल्म को प्रमादित करने के लिए सेंसर बोर्ड को सौप देते है।
जिस तरह से विवेक ओबरॉय की फिल्म लोगों में प्रसिद्दि हासिल कर रही है वह काबिले तारीफ है। यही वजह हो सकता है कि फिल्म में कोई कटौती की परेशानी नहीं हो सकती है, लेकिन अब देखने की बात यह है कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के मुखिया “प्रसून जोशी” को यह फिल्म कितनी पसंद और नापसंद आती है। वैसे आम तौर पर फिल्म का ट्रेलर सेंसर बोर्ड के द्वारा प्रमाणित किया जा रहा है लेकिन बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी के मुताभिक फिल्मकारों ने अभी तक फिल्म को प्रमाणित करने के लिए आवेदन तक नहीं किया है और कहा हमें अभी तक फिल्म को प्रमाणित करने को लिए नहीं मिला है। अधिकारी के मुताबिक राजनितिक फिल्म को सेंसर बोर्ड से पहले चुनाव आयोग से परमिसन लेना पड़ता है। अब देखने की बात यह है कि विवेक ओबरॉय की इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड की कैंची कितनी धारदार साबित होती है।

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
>