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साक्षी मिश्रा विवाद: पिता की इज्जत सरे आम उछालने पर आक्रोशित भोजीवुड !
कोई किसी से प्रेम या विवाह करे यह उसका स्वतंत्र निर्णय है। उसे पूरी आज़ादी है ! किन्तु इसे अर्जित करने के लिए अपने जनक को लोगों के सामने अपमानित करने की कवायद गलत है- मालिनी अवस्थी
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5 years agoon
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शैलेश कुमारउत्तर प्रदेश के बरेली से विधायक राजेश मिश्रा की बेटी साक्षी मिश्रा और अजितेश कुमार की शादी को लेकर प्रशिद्ध गायिका मालिनी अवस्थी ने अपने ट्वीटर हैंडल पर एक पोस्ट लिखा जिसमें उन्होंने प्यार का समर्थन और पिता पर लगाएं आरोप को एक तरह से गलत बताया है। मालिनी ने अपने इस पोस्ट में लिखा कि “कोई किसी से प्रेम या विवाह करे यह उसका स्वतंत्र निर्णय है। उसे पूरी आज़ादी है ! किन्तु इसे अर्जित करने के लिए अपने जनक को लोगों के सामने अपमानित करने की कवायद गलत है ! जीवन साथी चुनिए किन्तु इस तरह सर-ए-आम …।”
कोई किसी से भी प्रेम करे, विवाह करे, उसका स्वतंत्र निर्णय है,उसे आज़ादी है!
किन्तु इसे अर्जित करने के लिए अपने जनक को लोक के सामने अपमानित करने की कवायद गलत है!
जीवनसाथी चुनिए किन्तु पिता को इस तरह सर-ए-आम….
🤔😕— Malini Awasthi (@maliniawasthi) July 12, 2019
कुछ दिन पहले अजितेश और साक्षी मिश्रा की एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब चर्चे का विषय बना रहा। इस विषय पर देश के सभी विकस सील पुरुषों का चेहरा सामने आ गया है। एक तरफ हम अंतरिक्ष में अपना परचम लहराने की बात कर रहे हैं, वहीं इस विकस सील देश में जातिवाद, धर्मवाद और महिलाओं के प्रति संकीर्ण मानसिकता जो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में मानों खतरा सा बनता जा रहा है। यह तो कहना सत्य होगा कि आज भी देश की आज़ादी के 72 साल के बाद भारत जैसे देश में बदलाव की बात की जाती है, लेकिन महिलाओं और दलितों के प्रति ऐसी संकीर्ण मानसिकता मानों देश पर कलंक सा बना है।
समझ नहीं आता कि किसी के भी घर की इज्जत एक लड़की पर ही क्यों होती है। यह कहना मुनासिब नहीं होगा कि आज भी ज्यादातर महिलाओं को घर में बंदी बना कर रक्खा जा रहा है। ऐसा क्यों ? एक लड़का जो अपनी ज़िंदगी में जितने कुकर्म करे वह उनके लिए जायज़ है। जब एक लड़का खुलेआम किसी स्कूल, कॉलेज़ या और किसी जगह लड़कियों को सरे आम छेड़ता है, तो उन्हीं के घर वालों का सर फक्र से क्यों ऊँचा हो जाता है ? संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने कहा था कई अगर देश में समानता लानी है, तो अंतर जाति और अंतर धार्मिक शादियों को बढ़ावा देना ज़रूरी है। सवाल यह है कि संविधान की बात करने वाले लोग संविधान के आर्टिकल 15, और 14 पर अमल क्यों नहीं कर रहे हैं?
दरअसल बरेली की साक्षी मिश्रा ने अपने मन मुताबिक एक दलित युवक अजितेश कुमार से शादी करती हैं, और वे अपने पापा और उनके लोगों से बचने की गुहार लगती हुई वीडियो सोशल मीडिया पर साझा करती हैं। तब से लेकर अब तक यह मुद्दा सुलझाने की बजाय तूल पकड़ते जा रहा है। हाल ही में ख़बरों के मुताबिक अजितेश को इलाहबाद हाईकोर्ट में पूर्ण सुरक्षा के बीच मारा गया और अजितेश की पत्नी साक्षी मिश्रा के साथ धक्का-मुक्की भी किया गया। हम आप को बताना चाहते हैं, कि साक्षी मिश्रा ने अजितेश कुमार से शादी करने के बाद एक प्रतिष्ठित मीडिया चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनसे गलती तो हो ही गयी है लेकिन ऐसे हालत हो गए थे जिससे यह कदम उठाना पड़ा और उस दौरान उसने अपने पापा से माफ़ी भी मांग ली थी।
इस तरह ख़बरों के लिए सिने ब्लिट्स के साथ बने रहें