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हिंदी फिल्म जगत में महिला सशक्तिकरण का दौर
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6 years agoon
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सुनील यादव‘द डर्टी पिक्चर’ और कहानी जैसी सफल फिल्मों के बलबूते हिंदी फिल्म जगत में अपना एक अलग रुतबा कायम कर चुकीं अभिनेत्री विद्या बालन ने उस समय अपने प्रशंसकों को हैरान कर दिया था जब बॉलीवुड में सिद्धार्थ रॉय कपूर संग उनकी शादी की हवा चली थी। बॉलीवुड में उस वक़्त इस खबर ने सनसनी मचा रखी थी और विद्या के सभी चाहने वालों के जेहन में केवल एक ही सवाल था कि क्या शादी के बाद विद्या के फ़िल्मी सफर का भी अंत हो जाएगा? उस वक़्त हिंदी फिल्म जगत से लेकर मीडिया तक सभी में यह जानने की बेसब्री साफ़-साफ़ देखी जा सकती थी।
एक बात तो साफ़ थी कि उस वक़्त यह न तो विद्या बता सकती थीं और न ही सिद्धार्थ, कि शादी के बाद उनके आगे के करियर का क्या होगा। इस शादी को लेकर भी तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे। क्या शादी के बाद विद्या की लाइफ भी नीतू सिंह और जया बहादुरी जैसी होगी। या फिर विद्या, मुमताज़ की तरह हो जाएँगी, जिन्होंने शादी के बाद अपने प्रोडूसर को खत लिखकर कहा था कि वह फिल्मों में काम नहीं करेंगी क्योंकि वह शादी सुदा हैं।
एक समय अगर किसीसे अभिनेत्री की शादी होती थी, तो उसे सफल विवाह के रूप में देखा जाता था, क्योंकि वह अपने पति की सैलरी पर निर्भर नहीं रहती थी। जब सुनील दत्त और नरगिस की शादी हुई थी, तब किसी ने जोड़े को देखकर कहा था कि अब घर में दो-दो कमाई होगी। लेकिन जब नरगिस के सामने एक नियमों के कड़े व् सख्त व्यक्ति थे, तो उन्हें बात माननी ही पड़ी। इसके बाद वह काम नहीं कर पाईं। ऐसा ही वाकया शत्रुघन सिन्हा और पूनम सिन्हा के साथ भी देखने को मिला। शादी के बाद उन्हें ऐसा लगा की वह सिनेमा के लिए बहुत कर चुकी हैं अब घर की जिम्मेदारी अहम है। फिल्मों से संन्यास लेने के बाद पूनम, मिस चंदिरामनी से मिसेस सिन्हा बन गईं।
आज कहानी पूरी तरह बदल चुकी है। अनुष्का शर्मा और विराट कोहली इसके ताज़ा उदाहरण हैं। शादी के बाद विराट ने अनुष्का को कभी फोर्स नहीं किया कि वह उनका हर मैच देखने आएं या फिल्मों से दूरी बना लें। लेकिन शादी के बाद दोनों ने एक-दूसरे को समझा और अपने जूनून को अपने निजी जीवन में हावी नहीं होने दिया। अक्सर जब भी विराट खेलते हैं, तो अनुष्का उनका मैच देखने पहुँच ही जाती हैं, इसके अलावा अनुष्का की फिल्मों को देखने विराट भी पहुँचते हैं।
हाल ही में ऐश्वर्या राय और करीना कपूर ने भी शादी के बाद हिट फ़िल्में देकर यह साबित किया कि शादी करने और माँ बनने का मतलब रिटायरमेंट नहीं होता है। अगर करीना की बात हुई है तो सैफ का नाम आना लाज़मी है। सैफ की पहली पत्नी अमृता सिंह भी माँ बनने के बाद फिल्मों से दूर चली गईं थीं, लेकिन बाद में उन्होंने टीवी सीरियल्स में वापसी की थी। यह एक ऐसी सोच थी, जो फ़िल्मी दुनिया पर उस वक़्त राज कर रही थी। उस समय शादी को किसी एक्ट्रेस के फ़िल्मी करियर का अंत समझा जाता था और फिल्मों में वापसी को उसके शादी-शुदा जीवन का अंत समझा जाता था। लेकिन इसके विपरीत कुछ ऐसे वाकये भी सामने आये, जो इस बात को गलत भी साबित करते थे। सैफ की माँ शर्मीला टैगोर ने मंसूर अली खां से शादी की और उनके 3 बच्चे भी हुए। शादी के बाद शर्मीला ने 50 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्हें भी निजी जीवन और फ़िल्मी जीवन के बीच सामंजस्य बिठाने में मुश्किलात हुई होगी, लेकिन शादी के बाद उन्हें फिल्मों से दूर नहीं किया गया।
सामान्यतः ऐसा देखा जाता है कि शादीशुदा एक्ट्रेस के लिए वह सब करने पर पाबंदी लगा दी जाती है, जैसा वह शादी से पहले करती थीं। ऐसे धार्मिक नियम उनपर लाद दिए जाते हैं, जो कहीं लिखे नहीं हैं। शादी के बाद अगर एक्ट्रेस को किसी रोमांटिक सीन में फ़रमाया जाता है, तो फिर बेवजह उसका बतंगड़ बना दिया जाता है। शादी के बाद एक्ट्रेस को इंटिमेट सीन्स देने की साफ़ मनाही होती है। लेकिन इन सभी मुश्किलों के बावजूद शर्मिला ने हिंदी फिल्म में जगत में वह मुकाम पाया, जो हर किसी के नसीब में नहीं था। शादी के बाद शर्मिला को पति पटौदी का पूरा साथ मिला और उन्होंने आगे चलकर हिंदी फिल्म जगत में बहुत नाम कमाया। शर्मीला ने वह सबकुछ किया जो उनसे काम के लिए डिमांड किया जाता था। फिर चाहे बिकिनी में किसी मैगज़ीन कवर पर ही क्यों न आना हो, वह कभी स्क्रीन से दूर नहीं गईं।
हिंदी फिल्म जगत में एक दशक तक लगातार हिट फ़िल्में देने वाली जूही चावला के साथ भी कुछ वैसा ही हुआ। जब जूही की शादी जय मेहता से तय हुई, तब मेहता फैमिली ने शादी की डेट फिक्स करने के लिए एक बड़ी रिसेप्शन का आयोजन किया था। हालाँकि जूही की सास को उनका स्वाभाव थोड़ा नागवार गुजरा, जिसके बाद उन्होंने वह रिसेप्शन कैंसिल कर दिया था और फिर जूही को अपनी शादी छुपानी पड़ी थी। उसके बाद काजोल ने खुलेआम शादी की, जिसे देखकर जूही को यह आभास हुआ कि उनकी शादी उनके फ़िल्मी करियर के बीच आई थी।
केवल एक्ट्रेस ही अपनी शादी को नहीं छुपाती थीं, बल्कि एक्टर भी ऐसा करते थें। गोविंदा ने भी सुनीता के साथ अपनी शादी को गुप्त रखा था, जब तक उन्हें पहली लड़की नहीं हुई। बेटी होने के बाद गोविंदा ने खुलेआम सभी के सामने आकर यह बात कबूली थी। जब गोविंदा को यह एहसास हुआ कि शादी से उनकी फ़िल्मी लाइफ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, तो उन्होंने इसे जग जाहिर कर दिया।यहाँ तक कि ऋषि कपूर को भी यह बात स्वीकारने में लम्बा समय लगा। उन्हें लगता था कि इससे उनके रोमांटिक हीरो होने की छबि पर प्रभाव पड़ सकता है। शादी के बाद उनकी कई फ़िल्में फ्लॉप रहीं, जिसके चलते वह मानसिक तनाव में चले गए। उन्हें ऐसा लगता था कि उनकी शादी ही इसकी जिम्मेदार है। लेकिन इससे पहले भी ऋषि की ‘दीदार-ऐ-यार’ फ्लॉप हो चुकी थी। इसलिए ये बस बातें थीं, जिनका तर्क से कोई लेना-देना नहीं था।
आज वह सबकुछ बदलता हुआ दिखाई दे रहा है। विद्या बालन और प्रियंका चोपड़ा की शादियों के बाद ऐसा तो नहीं लगता कि उनके किरदार में कोई बदलाव आएगा। अब वक़्त बदल चुका है। जैसा कि पहले शर्मीला ने कर के दिखाया था, आज सभी एक्ट्रेस शादी के साथ-साथ अपने कार्य पर भी ध्यान दे रही हैं। अनुष्का शर्मा इसका सही उदाहरण भी हैं। विराट से शादी के बाद अनुष्का एक अभिनेत्री के रूप में और भी मजबूत हुई हैं। शादी के बाद अनुष्का के काम में कोई बदलाव नहीं आया, बल्कि वह और बेहतर होती जा रही हैं। इसीप्रकार रणवीर और दीपिका भी शादी के बंधन में बंध चुके हैं। शादी के बाद रणवीर-दीपिका रोजाना मीडिया में खबरों की हेडलाइंस बने हुए हैं। दोनों खुलकर अपनी शादी शुदा ज़िन्दगी को एन्जॉय कर रहे हैं। जब हमने दीपिका को शादी की बधाई दी और उनसे पूछा कि यह अद्भुत है कि आप दोनों इतने शानदार तरह से शादी कर रहे हैं, इसपर दीपिका ने हँसते हुए कहा कि हमें कोई दूसरा तरीका नहीं पता था। आप सही हो दीपिका, इससे बेहतर कोई दूसरा तरीका हो ही नहीं सकता था।
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