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विश्व पर्यावरण दिवस: वायु प्रदूषण एक ‘साइलेंट किलर’ हैं–अक्षय कुमार

आज,यानीं 5 जून 2019 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है

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आज,यानीं 5 जून 2019 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस पर्यावरण दिवस के अवसर पर बॉलीवुड के ‘खिलाड़ी’ अक्षय कुमार ने हमारे इर्द-गिर्द फैल रहे प्रदूषण को ‘साइलेंट किलर’ बतया है। अक्षय कुमार ने एक वीडियो भी शेयर किया जो ‘हवा आने दे’ नाम का एक वीडियो है।

क्या है, विश्व पर्यावरण दिवश :
विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण हेतु पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972 मेंशुरू किया था । इसे 5 जून से 16 जून तक संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन में चर्चा के बाद शुरू किया गया था। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।

क्या है इतिहास :

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1972 में मानव पर्यावरण विषय पर एक सभा का आयोजन किया था। इसकी चर्चा के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस का सुझाव भी दिया गया था। इसके दो साल बाद, 5 जून 1974 से इसे मनाना भी शुरू कर दिया गया था । 1987 में इसके केंद्र को बदलते रहने का सुझाव सामने आया और उसके बाद से ही इसके आयोजन के लिए अलग-अलग देशों को चुना जाता है। इसमें हर साल 143 से अधिक देश हिस्सा लेते हैं और इसमें कई सरकारी, सामाजिक और व्यावसायिक लोग पर्यावरण की सुरक्षा, समस्या आदि विषय पर बात करते हैं। विश्व पर्यावरण दिवस को मनाने के लिए कवि अभय कुमार ने धरती पर एक गान लिखा था, जिसे 2013 में दिल्ली में पर्यावरण दिवस के दिन भारतीय सांस्कृतिक परिषद में आयोजित एक समारोह में भारत के तत्कालीन केंद्रीय मंत्रियों, कपिल सिब्बल और शशि थरूर ने इस गाने को पेश किया। अक्षय कुमार के साथ-साथ बॉलीवुड के और बहुत से सितारों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं।

एक मीडिया रिपोस्ट के मुतबिक झारखंड के कई जिले में वायु प्रदूषण का व्यापक असर पड़ा है। ऐसा माना जाता है कि खनन क्षेत्र के होने के कारण वहां पर वायु प्रदूषण के कारण बीमारियां निरंतर बढ़ती जा रही हैं। पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडियन के मुताबिक राज्य में प्रति वर्ष 25 लाख लोग हर साल वायु प्रदूषण के कारन अपनी जान गवाते हैं। यह कुल आबादी का 8.5 फीसदी माना गया है। आकड़ों के मुताबिक 1990 की तुलना में अभी तक इस आकड़ें में एक फीसदी का सुधार हुआ है, इसके बावज़ूद यह आकड़ा काफी बड़ा है। वायु प्रदूषण के कारन देश में विकलाँगता, कुपोषण और सफाई सम्बंधित बीमारियां फैलती जा रहे हैं।

 

इस विषय पर ब्रिटिश जर्नल लैनसेट के आकड़ें बताते हैं, कि वर्ष 2017 में एक लाख में से 100 लोगों की मौत वायु प्रदूषण से हुयी थी। यह आकड़ा किसी भी देश के लिए काफी ख़तरनाक मनन जा सकता ह। हम अक्सर देखते हैं कि दिल्ली जैसे शहर में प्रदूषण के कारण लगातार मारा-मारी होती रहती है, लेकिन जिस तरह से वायु प्रदूषण के कारन मौतें बढ़ रही हैं, इससे हमें निज़ात पाने की आवश्यकता है।

 

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