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संगीत

“मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर” का गीत ‘रेज़गारियाँ’ ने छुआ लाखों का दिल

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सामाजिक मसले पर बनी फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर के टाइटल ट्रैक के बाद अब फिल्म का दूसरा गीत ‘रेज़गारियाँ’ भी रिलीज़ कर दिया गया है। जिस प्रकार से फिल्म के टाइटल ट्रैक को दर्शकों ने खूब पसंद किया था, उसीप्रकार से यह गाना भी सड़क के उस पार की ज़िन्दगी से ज़माने को रूबरू करवाता है। लोगों द्वारा जीवन से जुड़े अहम समस्याओं को अनदेखा करके चलने से समस्यांए खत्म होने के बजाय और बढ़ती जाती हैं, इस फिल्म और फिल्म के गीतों में इन छोटे-छोटे पहलुओं पर दर्शकों का ध्यान खींचने की कोशिश की गई है।

जहाँ फिल्म के टाइटल ट्रैक में शौचालय न होने के कारण देश में बढ़ती रेप की समस्याओं पर प्रकाश डाला गया था। वहीँ ‘रेज़गारियाँ’ गीत के माध्यम से समाज को निरोध इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। गीत के शुरू में ही कान्हू अपनी माँ को निरोध का पैकेट लाकर देता है और वह कहता है कि उसे बांटने के लिए कहा गया है, इसपर उसकी माँ कहती है कि प्रसाद है जो बाँट दो? इसके बाद फिल्म के टाइटल ट्रैक में फिल्माए गए चारों बच्चे सड़क पर उतरकर निरोध बांटते हुए दिखाए गए हैं। इस गीत के माध्यम से जिस प्रवित्ति को समाज के बीच रखने की कोशिश की गई है, वह काबिले तारीफ़ है।

इस गीत को शंकर और शिवम् महादेवन ने अपनी आवाज दी है। टाइटल ट्रैक की तरह ही इस गीत को बेहद शानदार तरह से कम्पोज़ करने का श्रेय म्यूजिकल तिकड़ी शंकर-एहसान-लॉय को जाता है। इस गीत के बोल भी गुलज़ार ने लिखे हैं। यह फिल्म भले ही 15 मार्च को सिनेमाघरों में दस्तक देने वाली है, लेकिन इस फिल्म का कांसेप्ट लोगों के जेहन में अभी से चढ़ चुका है। बॉक्स ऑफिस पर यूँ तो सामाजिक मसलों पर बनी फ़िल्में हिट भी होती हैं और फ्लॉप भी, लेकिन यह फिल्म बॉक्स ऑफिस से ज्यादा समाज पर छाप छोड़ने वाली है। फिल्म मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर से जुड़ी किसी भी खबर के लिए हमारे चैनल सिने ब्लिट्ज़ के साथ जुड़े रहें।

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