Connect with us
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

ट्रेंडिंग

मुलायम सिंह यादव की बायोपिक ‘मैं मुलायम’ फ़िल्म का धमाकेदार ट्रेलर लॉन्च

एम एस फिल्म्स एंड प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित इस फ़िल्म के निर्देशक सुवेन्दु राज घोष और स्क्रिप्ट राइटर राशिद इकबाल हैं।

Published

on

मुलायम सिंह यादव की बायोपिक 'मैं मुलायम' फ़िल्म का धमाकेदार ट्रेलर लॉन्च

सपा नेता व उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बायोपिक ‘मैं मुलायम’ का ट्रेलर धमाकेदार अंदाज़ में लिंक क्रॉफ्ट स्टूडियो, सहारा होटल, मुम्बई में लॉन्च हुआ। उसी अवसर पर फ़िल्म डिस्ट्रीब्यूटर व डॉन सिनेमा के संचालक महमूद अली, अभिनेत्री दीपशिखा नागपाल, आरती नागपाल, ब्राइट के योगेश लखानी, फ़िल्म के मुख्य अभिनेता अमित सेठी, निर्मात्री मीना सेठी मंडल, अभिनेत्री सना अमीन शेख, सुप्रिया कार्णिक, संगीतकार तोशी और शारिब, राइटर राशिद इकबाल, आफताब अली, भूमिका कलिता, सुनील पाल, निर्माता विरल पंड्या और नेहाल सिंह, निर्देशक फैसल खान, कुलदीप सिंह, डीओपी रणविजय सिंह, अनीस शेरोन खान, समीर मलिक और रियाज़ भाटी की विशेष उपस्थिति रही।

एम एस फिल्म्स एंड प्रोडक्शन के बैनर तले निर्मित इस फ़िल्म के निर्देशक सुवेन्दु राज घोष और स्क्रिप्ट राइटर राशिद इकबाल हैं। इस फ़िल्म को डॉन सिनेमा पूरे विश्व भर में रिलीज करने जा रही है। यह फ़िल्म मुलायम सिंह के जीवन से जुड़ी रोचक पहलुओं के साथ उनके संघर्ष को पेश करेगी।

‘ज़िंदा क़ौमें पांच साल तक इंतज़ार नहीं करती’, समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव के गुरु डॉ राम मनोहर लोहिया के इस मंत्र ने उन्हें देश के सबसे सफल राजनीतिक नेताओं में से एक बना दिया। उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफ़ई नामक एक छोटे से गाँव में एक किसान के बेटे ने अपने राज्य का सर्वोच्च नेता बनने के लिए सबसे प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ाई लड़ी। मुलायम के पिता चाहते थे कि वह एक पहलवान बनें, लेकिन उनके भाग्य में कुछ बड़ा बनना तय था। एक स्थानीय नेता नाथूराम ने मजबूत इरादों वाले लड़के को देखा और उसे राजनीति में प्रवेश करने का पहला मौका दिया। नाथूराम ने उन्हें उस युग के देश के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक डॉ राम मनोहर लोहिया से भी परिचित कराया।

लोहिया के जीवन में आने के बाद, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से राजनीति की बारीकियों को सीखा, और तब मुलायम सिंह यादव यूपी की राजनीति में एक बड़ा नाम बन गए, वे चौधरी चरण के राजनीतिक उत्तराधिकारी भी थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के लिए एक प्राथमिक विद्यालय में एक अंग्रेजी शिक्षक से, यह एक ऐसे आदमी की यात्रा है जो आपातकाल के समय 19 महीने तक जेल में रहा था। यह एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जिसे उस दिन गोली मार दी गई थी जब उसने अपना पहला चुनाव जीता था। जब पूंजीवाद और नौकरशाही राजनीति के मुख्य स्तंभ थे, तो उन्होंने आकर परिदृश्य बदल दिया। यह एक किसान पुत्र की प्रेरक कहानी है जो राज्य का सर्वोच्च नेता बन गया।

Continue Reading
Click to comment
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
>